Some Concepts

सात्म्य: कहा है “पुरुषम पुरुषम विक्ष​” अर्थात हर व्यक्ति इस सन्सार मे सर्वथा अनोखा है. हर व्यक्ति की प्रकृति अलग है. एक हि बीमारी अलग अलग लोगों में अलग अलग तकलीफ पैदा करती है. किसी व्यक्ति को कोई पदार्थ फ़ायदा करता है वो ही दूसरे में बीमारी का कारण बनता है. इसी प्रकार कोई आदत या खाना जो बीमारी पैदा करने वाला कहा गया है तो भी यदि उसने बचपन से वो ही खाया है या उसकी दिनचर्या में काफी समय से शामिल है तो उसे उससे तकलीफ नहीं होगी. इसलिए कोई भी दवा, योगासन, प्राणायाम, कसरत या आहार विहार जो एक के अनुकूल है वो दूसरे के लिए भी होगा ऐसा बिलकुल भी जरूरी नहीं है ये ध्यान रखना बहुत जरूरी है. इसी प्रकार इन सबकी अनुकूलता ऋतू के अनुसार, स्थान के अनुसार, व्यक्ति के अनुसार और समय के अनुसार अलग होती है ये भी इन सबका प्रयोग करते समय विचार करना जरूरी है.